
[ यह कहानी एक परिश्रमी किसान, लैंचो की है। जब लैंचो मुसीबत में पड़ता है, तो वह भगवन के ओर मुड़ता है और धन भेजने के लिए उसे (भगवान) को एक पत्र लिखता है। लैंचो को एक पत्र मिलता है जो भगवान की ओर से होता है। इस पत्र में कुछ धन भी होता है। पता लगाए कि पत्र पर किसके सिगनेचर हैं और क्या लैंचो को धन मिल जाने पर भगवान को धन्यवाद देता है कि नही। जानने के किये अंत तक जरूर पढ़ें।]
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Unitwise Hindi Translation
(Unit-1)
1. The House-the …… the northeast.
2. “Now we’re really …… he exclaimed:
Unit-3
3. “These aren’t …… to his sons.
“यह तो वाकई बुरा हो रहा है। मुझे आशा है ओले गिरने जल्दी बंद हो जाएंगे।”लैंचो चिल्लाया। परंतु ऐसा नहीं हुआ। 1 घंटे तक ओले हर और गिरते रहे- घर पर, बाग में, पहाड़ी के आस-पास, अनाज के खेत पर, पूरी घाटी में। खेत सफेद हो गया जैसे उस पर नमक की परत चढ़ गई हो। पेड़ पर एक भी पत्ता नहीं बचा।अनाज पूरी तरह नष्ट हो गया। पौधों पर से फूल गायब हो गए। लैंचो की आत्मा दुःख से भर गई। जब तूफान थम गया तो वह खेत के बीच में खड़ा हो गया और अपने बेटों से बोला :
Unit-4
4. “A plague of locusts …… with God!”
हिन्दी अनुवाद : “टिड्डियों का आक्रमण किया छोड़ता …. ओलों ने तो कुछ भी नहीं छोड़ा; इस साल हमारे पास अनाज नहीं होगा….”
Unit-5
5. So, in order to …… God.
Unit-6
6. The following Sunday …… crooks, Lencho.
हिन्दी अनुवाद : अगले रविवार को आम समय से कुछ पहले ही लैंचो ने पोस्ट ऑफिस पहुंचकर पूछा कि क्या उसका कोई पत्र आया था। स्वयं डाकिए ने उसे पत्र दिया जबकि पोस्टमास्टर, उस व्यक्ति जैसे संतोष का अनुभव करते हुए जिसने कोई अच्छा कार्य किया हो, अपने ऑफिस के दरवाजे से उसे देखता रहा।
पत्र में धन देखकर लैंचो ने तनिक भी आश्चर्य प्रकट नहीं किया, उसका ऐसा विश्वास था – किंतु जब उसने धन को गीना तो वह क्रोधित हो उठा…. भगवान ने तो ऐसी गलती की ही नहीं होगी और न उसने लैंचो को उसे वह देने से मना किया होगा जिसके लिए उसने प्रार्थना की थी।
तुरंत लैंचो खिड़की पर कागज और स्याही मांगने गया। लिखने वाली सार्वजनिक मेंज पर बैठकर उसने लिखना आरंभ किया। लिखने में उसे इतना प्रयत्न करना पड़ा कि उसकी भौंह पर बल पड़ गए। जब लिखना समाप्त किया तो वह टिकट खिड़की पर गया जिस पर चाटकर कर थूक लगाया और फिर लिफाफे पर लगाकर कलाई से घूंसे से उसे चिपका दिया।
जिस क्षण पत्र को डाक के डिब्बे में डाला गया उसी क्षण पोस्टमास्टर उसे खोलने चला गया। इसमें कहां गया था : “हे भगवान; जितना धन मैंने मांगा था उसमें से केवल 70 पिसौ ही मुझे मिला। शेष धन भी मुझे भेजिए क्योंकि उसकी मुझे बहुत आवश्यकता है। किंतु इसे मेरे पास डाक से मत भेजना क्योंकि पोस्ट ऑफिस के कर्मचारी बेईमानों का झुंड है। लैंचो।”
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