जैव–विविधता

जैसा की हमने पहले भी पढ़ा है कि पृथ्वी पर जीवों, जैसे पादपों, जन्तुओं, जीवाणुओं (Bacteria) तथा विषाणुओं (Viruses) की लाखों प्रकार की जातियां पाई जाती हैं तथा इनमे से प्रत्येक जाति के जीव अन्य जातियों की जीवों से किसी न किसी प्रकार से भिन्न होते हैं। अब तक जन्तुओं की 10 लाख तथा पादपों की 5 लाख के लगभग जातियों की पहचान करके उनका अध्यन तथा नामकरण किया जा चुका है, अब भी लाखों की संख्या में अज्ञात जीवों की पहचान कर के उनका वर्णन किया जाना अभी बाकी है।

जैव-कोशिका सभी जीवों की संरचना की आधारभूत इकाई है तथा विभिन्न जीव-जातियों की कोशिकाओं की संरचना की संरचना एवं जैविक-प्रक्रियाओं में अनेक आधरभूत समानताएं पायी जाती है। फिर भी इन कोशिकाओं के संगठन से उत्पन्न जीव-जातियों में व्यापक एवं विशाल संख्या में भिन्नताएं होती है। लगभग सामान प्रकार की जीव-कोशिकाओं से विभिन्न प्रकार की जीव-जातियों के विकास को जैव-विविधता (Bio-diversity) कहते हैं।
Bio–diversity
Bio-cell is the basic unit of structure of all organisms and many basic similarities are found in the structure and biological processes of the cells of different organisms. Nevertheless, there is a wide and vast number of differences in organisms resulting from the organization of these cells. Bio-diversity is the development of different types of organisms from almost the same type of organism.