
गोबर से विशेषकर गाय के गोबर से घर, आंगन, रसोई आदि की जमीन पोतना हर प्रकार से उत्तम है। इससे हम शुद्धता पाते हैं। टी.बी. के वायरस और रोगाणु मर जाते हैं। गर्मी का प्रकोप कम होता है। ठंडक महसूस होती है।
मक्खी, मच्छर या अन्य कीड़े-मकौड़े जो गंदगी छोड़ते हैं वे सब गोबर लीपने से नहीं रहते। गाय के ‘पंच गव्य’ हमारे शरीर के लिए वातावरण के लिए तथा धार्मिक दृष्टि से अत्यंत उत्तम हैं। पंच गव्य में दूध, दही, मक्खन, घी, गोबर तथा गौमूत्र गिने जाते हैं।
इनसे शुद्धता, शक्ति, निरोगता, पवित्रता तथा पर्यावरण सुधरते हैं। धार्मिक दृष्टि से वह स्थान अति पवित्र माना जाता है जहां गाय के गोबर से पुताई की गई है। ऐसे स्थान पर बैठकर कोई भी पूजा-पाठ, यज्ञ, हवन, मंत्रोच्चारण, नाम सिमरन करना अति शुभ माना जाता है जो ईश्वर तथा अन्य देवताओं को सहर्ष स्वीकार हो जाता है।
वैज्ञानिक दृष्टि से भी इसका महत्व बहुत अधिक है, इसलिए पढ़े-लिखे लोग भी इसे उत्तम मानते हैं और तो और अमेरिका, जर्मनी तथा इटली में भी वैज्ञानिक गोबर से लीपे गए स्थान के महत्व को खूब समझने लगे हैं। वे इसे हाइजीनिक मानते हैं।