भौतिकी में दो बातें हमे आश्चर्यचकित करती हैं लेकिन उसकी थ्योरी पता होते हुए भी विश्वास नहीं होता ।

1. ये एक मूल सिद्धांत है कि वस्तुओं के ठंडा होने पर उनका घनत्व बढ़ता है । यानि कि वह ‘भारी’ हो जाती हैं।परन्तु जल जब ठंडा होता है तो कुछ देर तक तो वह भारी होता जाता है परन्तु 4 डिग्री सेल्सियस के नीचे उसका घनत्व बढ़ने के बजाये कम होने लगता है । इस लिए बर्फ जल से हल्की होती है और पानी के ऊपर तैरती है। इस वजह से सागर में जीवन सम्भव हो पाता है। जल में रहने वाले प्राणी जल में विचरण कर पाते हैं। सोचिए अगर बर्फ जल से भारी होकर नीचे रहती तो सर्दियों में पूरा पानी जम जाता और जल में रहने वाले प्राणी उसमे जम कर मर जाते। ये बात मुझे आज भी अचंभित करती है। ऊपर वाले का शुक्र है की ऐसा होता है।
2. दूसरा अचम्भा ये है कि जब पानी का वाष्पीकरण होता है तो वह आस पास की गर्मी खींच लेता है। यानि नजदीक की वस्तुओं को ठंडा कर देता है। किसी तरल पदार्थ को वाष्पीकरण के लिए ऊषणता की जरूरत होती है जो वह आस पास की वस्तुओं से लेता है। यह गुण गर्मी में हमारे शरीर को ठंडा रखता है। हमारा शरीर गर्मी में (अधिक) पसीना छोड़ता है जो वाष्पीकरण होने पर शरीर की गर्मी खींच कर शरीर को ठंडा रखता है। पसीना हमें बहुत कम नज़र आता है क्यूंकि यह बनने के साथ साथ उड़ता रहता है । ( पसीना सर्दियों में भी आता है पर गरमियों की अपेक्षा काफ़ी कम।)
3. आकाश दिन में नीला और शाम को लाल क्यों दीखता है? सूर्य की रौशनी 7 रंगों की बनी होती है।आकाश में धूल के छोटे छोटे कण उड़ते रहते हैं जो प्रकाश की किरणों को मोड़ते हैं । नीली किरणें बाकि किरणों की अपेक्षा अधिक मुड़ती हैं इस लिये हमें नीचे दिखाई देती हैं। शाम के समय भी यही होता है। नीली किरणें नीचे की ओर मुड़ जाती हैं जबकि हमें दूर होने के कारण बची हुई लाल किरणें दिखाई देती है।
4. गुरुत्वाकर्षण के कारण वाहनों का चलना संभव हो पाता है। ये वाहनों को भार प्रदान करता है जिसकी वजह से घर्षण पैदा होता है। इंजन की ऊर्जा पहिये को घूमाती है जो घर्षण की वजह से पृथ्वी को पीछे धकेलते हैं और गाड़ी आगे चल पाती है।
5. जब भी बहुत बड़े बड़े समुद्री जहाजों को जल पर तैरता देखता हूँ तो अचंभित होता हूँ। एक सूई जल पर तैर नहीं सकती तो इतना बड़ा जहाज इतने आदमियों और भारी सामान को लेकर कैसे देश विदेश घूम पाता है। ये भौतिकी के सिद्धांत पर आधारित है कि जहाज द्वारा हटाए गए जल का भार जहाज के भार से ज्यादा होता है ।
6. बड़े बड़े हवाई जहाज भी भौतिकी के नियमों का प्रयोग करते हैं। लेकिन उनको आराम से उड़ते देख मैं आज भी अचंभित हुए बिना नहीं रह सकता ।
कुछ और अद्भुत तथ्य बताना चाहूँगा। रॉकट धरती से उड़ कर अंतरिक्ष में पहुँच जाता है। इसका ईंधन तेज़ी से जल कर गति से गैस नीचे की ओर निकालता है जो इसको ऊपर की ओर धकेलती हैं।
7. सूर्य एक सितारा है या यों कहें की सभी सितारे सूर्य हैं। कल्पना करें यदि आकाश में एक साथ कई सूर्य हों तो इतनी गर्मी होगी कि जीवन असम्भव हो जाएगा। फिर हमें उनकी गर्मी का अहसास क्यों नहीं होता? इसकी वजह ये है कि सितारे हमसे अरबों खरबों मील दूर हैं। उनकी रोशनी हम तक पहुँचने में बरसों लग जाते हैं जबकि सूर्य की रोशनी हम तक केवल आठ मिनट में पहुँच जाती है। इस आठ मिनट को बरसों से मिलान करके देखें सितारों की दूरी का कुछ अंदाज़ा हो जाएगा।
8. एक तथ्य जिसका बहुत गहन अध्यंन करने के बाद भी जिसका अचंभा कम नहीं होता वह है अणु या ऐटम के भीतर की दुनिया। अणु जिसे हम अत्यंत शक्तिशाली माइक्रस्कोप से भी नहीं देख सकते उसके अंदर एक पूरी दुनिया है। इसकी नाभि में इसका पूरा भार केंद्रित है पर इसके इलेक्ट्रॉन सदा इसके चारों और एक निश्चित दायरे में घूमते रहते हैं। हर इलेक्ट्रॉन का अपना एक दायरा है। यदि सौ इलेक्ट्रॉन भी होंगे तो वे बिना आपस में टकराए नाभि के चक्कर लगाते रहेंगे।
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि
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हम एक बार में जितना पानी पीते हैं उसने अरबों अणु हमारे गले से होकर पेट में चले जाते हैं फिर भी हमारा दम नहीं घुटता। उन सब अणुओं की यदि ईटें बन जाएँ तो एक शहर बन सकता है।